Tuesday 15 March 2011

आपकी नज़र

अगर तुम हुस्न चाहो तो
मेरे चेहरे पे मत जाओ
कि चेहरे बुझ  भी जाते हैं
मेरी नज़रों को मत देखो
नज़र धुंधला भी जाती है
सुर्खिये-लब भी मत देखो
कि रंग ये उड़ भी जाते है

अगर जो देखना है तो
मेरे दिल में ज़रा झांको
मेरे भीतर जो इन्सां है
वो सबसे खूबसूरत है
कि जिसमें दर्द है सबका
कि जिसमें बस मुहब्बत है

सिया

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