इस जीवन का हल ढूँढो तो बात बने
कुछ खुशियों के पल ढूँढो तो बात बने
आज के हर लम्हे को जीना आसां है
आज में अपना कल ढूँढो तो बात बने
जीवन तो एक रेत का दरिया है आखिर
इसमें मीठा जल ढूँढो तो बात बने
बरस के जो इस आग को ठंडा कर डाले
इक ऐसा बादल ढूँढो तो बात बने
जिसने हर मुश्किल को आसां का डाला
उस माथे का बल ढूँढो तो बात बने
एक "सिया " तो तनहा तनहा रहती है
सिया
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