Thursday 31 March 2011

कितने हैं ये प्यारे फूल

एक चमन में सारे फ़ूल
कितने हैं ये प्यारे फ़ूल

रोज़ ही आते,रोज़ ही जाते
होते हैं बंजारे फ़ूल

लूटने आया जब जब कोई
बन बैठे अंगारे फ़ूल

जीवन की हर बाज़ी खेली
शर्त कोई न हारे फ़ूल

सबकी आख़िर ख्वाहिश इतनी
ख़ुश्बू, चाँद, सितारे  फ़ूल

दौलत की न हसरत कोई
यार "सिया" को प्यारे फ़ूल 

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