नश्तरों से निबाह मुश्किल हैं
अब मोहब्बत की राह मुश्किल हैं
कैसे देखूं मैं ज़िंदगी तुझको
रात काली सियाह मुश्किल हैं
यूं तो हर शय मिली अक्सर
इक तेरी पनाह मुश्किल हैं
यूँ तो दुनिया ने मेरा साथ दिया
एक उसकी सलाह मुश्किल है
अब "सिया" ज़िन्दगी के साथ चलो
उनकी हम पर निगाह, मुश्किल है
सिया
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