कुछ जिंदगी से ऐसे घबरा गए हैं हम
रिश्ते वो साथ में हैं घुटता है जिनसे दम
जिस राह पर कदम धरे अनजान सी लगी
मंजिल थी कोई और कहाँ आ गए हैं हम
पतझर में जैसे शाख पर पत्ता हरा ना हो
मौसम बहार का हैं मुरझा गए है हम
एहसास होगा भूले से तुमको भी एक दिन
जब दूर तुमसे दूर चले जायेगे जो हम
उसको कहाँ है फुर्सत कि दिल वो ले सिया
लब सी लिए हैं हमने खामोश हैं सनम
सिया
रिश्ते वो साथ में हैं घुटता है जिनसे दम
जिस राह पर कदम धरे अनजान सी लगी
जिस राह पर कदम धरे अनजान सी लगी
मंजिल थी कोई और कहाँ आ गए हैं हम
पतझर में जैसे शाख पर पत्ता हरा ना हो
पतझर में जैसे शाख पर पत्ता हरा ना हो
मौसम बहार का हैं मुरझा गए है हम
एहसास होगा भूले से तुमको भी एक दिन
एहसास होगा भूले से तुमको भी एक दिन
जब दूर तुमसे दूर चले जायेगे जो हम
उसको कहाँ है फुर्सत कि दिल वो ले सिया
लब सी लिए हैं हमने खामोश हैं सनमउसको कहाँ है फुर्सत कि दिल वो ले सिया
सिया
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