हरेक शख्स के चेहरे पे थकन सी क्यूं है.
इस शहर की गलियों में घुटन सी क्यूं है.
हर तरफ छाई है कैसी अजब ये मायूसी
दिल में शोले हैं आँखों में अगन सी क्यूं है.
हर तरफ भागते लोगो का हुजूम है देखो
ये दुनिया ख़ुद ही में देखो तो मगन सी क्यूं है
नींद में ख़्वाब का आना बड़ा हसीं हैं मगर
जागती आँखों में इस तरह जलन सी क्यूं है.
नहीं बदलते ये हालात चाहे कुछ भी करें
मगर उमीद की दिल में ये किरण सी क्यूं है
"सिया" ने टूट के चाहा है ज़िन्दगी में जिसे
उसी के दिल में मगर एक चुभन सी क्यूं है
सिया
इस शहर की गलियों में घुटन सी क्यूं है.
हर तरफ छाई है कैसी अजब ये मायूसी
दिल में शोले हैं आँखों में अगन सी क्यूं है.
हर तरफ भागते लोगो का हुजूम है देखो
ये दुनिया ख़ुद ही में देखो तो मगन सी क्यूं है
नींद में ख़्वाब का आना बड़ा हसीं हैं मगर
जागती आँखों में इस तरह जलन सी क्यूं है.
नहीं बदलते ये हालात चाहे कुछ भी करें
मगर उमीद की दिल में ये किरण सी क्यूं है
"सिया" ने टूट के चाहा है ज़िन्दगी में जिसे
उसी के दिल में मगर एक चुभन सी क्यूं है
सिया
No comments:
Post a Comment