ग़ज़ल
दिल दीवाना या कि ज़ीनत चाहिए
आपको कैसी मुहब्बत चाहिए
नींद है तो ख़्वाब भी होंगे मगर
ख़्वाब में थोड़ी हक़ीक़त चाहिए
ऐ ख़ुदा मुझको बता दे आज तू
इश्क़ में क्यूं कर इबादत चाहिए
क्यूं भला शरमिंदा करते हो हमें
आपको हमसे नसीहत चाहिए
आपके दिल में हसीं एहसास और
आपके कदमों में जन्नत चाहिए
अब "सिया" दुनिया से शिकवा तो नही
बस हमें थोड़ी सी राहत चाहिए
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