Thursday 21 April 2011

अधूरे रिश्ते


कच्चे बखिये से उधड़ जाते झूटे  रिश्ते 
दिल को तकलीफ़ ही देते हैं  टूटे रिश्ते 

दर्द  का एक खजाना मिला हैं क़र्ज़  मुझे 
किश्त के जैसे चुकाना है अधूरे  रिश्ते  

मुझको अपनों ने किया हवाले किसके 
देखिये आज मुझसे ही हैं रूठे  रिश्ते 

आईना एक अगर हो तो मैं चेहरा देखूं 
छन से टूटा जो ये शीशा तो फूटे रिश्ते 
 
मैं "सिया" हूँ, मुझे अपनी न बताओ बातें 
मुझको दरकार नहीं थे कभी मैले रिश्ते 

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