रंजिशों में ज़िन्दगी न काटिए
प्यार को लागों में थोड़ा बांटिये
आपके अपने सभी इंसान हैं
खाइयां रिश्तो की पहले पाटिये
रूह को आख़िर क़रार आ जायेगा
नश्तरों से फूल थोड़े छांटिए
डर गया तो फिर संभल न पायेगा
आप बच्चे को न ऐसे डांटइए
प्यार को लागों में थोड़ा बांटिये
आपके अपने सभी इंसान हैं
खाइयां रिश्तो की पहले पाटिये
रूह को आख़िर क़रार आ जायेगा
नश्तरों से फूल थोड़े छांटिए
डर गया तो फिर संभल न पायेगा
आप बच्चे को न ऐसे डांटइए
No comments:
Post a Comment