तेरे कदमो में हम सर को नहीं झुकायेंगे
रो चुके हैं बहुत अब अश्क ना बहाएगे
हम ना आयेगे तेरे दर पे सवाली बन के
आपके सामने दामन नहीं फैलाएगे
तूने क्या ना सितम किये मुझ पर
हम कभी शिकवा लबो पे नहीं लायेगे
रूठ कर तुमसे बहुत दूर चले जायेगे
देखना आपको फिर याद कितना आयेगे
तेरी नज़रे तलाशती रहेगी फिर हमको
आपको फिर नज़र कहीं नहीं हम आयेगे
याद आएगी जब सताएगी वफाये मेरी
बिन मेरे आप भी पल भर ना सकूँ पायेगे
सिर्फ रह जाएगी तेरे पास मेरी यादे बाकी
तुम पुकारोगे भी तो लौट के ना आयेगे
सिया
भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति
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