डगमगाती ज़िन्दगी अच्छी नहीं
इस क़दर ये बेखुदी अच्छी नहीं
आपकी ग़ज़लें सभी बेहतर मगर
ज़िन्दगी की शाइरी अच्छी नहीं
क्या पता किसपल में क्या हो जायेगा
हालतें अब दर्द की अच्छी नहीं
दिल तुम्हारे नाम तो अब हो चुका
पर तेरी आवारगी अच्छी नहीं
इस नज़र में प्यार ही कायम रहे
इस नज़र में बर्क* सी अच्छी नहीं
ऐ "सिया" दुनिया में थोड़ा सख्त हो
हर नफस ये सादगी अच्छी नहीं
सिया
बर्क + बिजली
No comments:
Post a Comment