उससे रिश्ता दिल का है,जो पास नहीं कुछ दूर हैं
इक कसक सीने में है ये दिल भी क्यूं मजबूर है
क्या करें हम क्या करें कुछ सूझता ही अब नहीं
देखिये उसको भी आख़िर वो बहोत मगर मगरूर है
वो तो पत्थर दिल ही होगा जिसके मैं नज़दीक थी
आईना इस दिल का मेरे देख लो क्यूं चूर है
मैकदे की राह से आया था आख़िर दर मेरे
देखिये वो शख्स आख़िर किस क़दर मसरूर है
है यही अफ़सोस मुझको क्या बताऊँ मैं सिया
एक रोशन आदमी क्यूं आजकल बेनूर है
siya...
है यही अफ़सोस मुझको क्या बताऊँ मैं सिया
ReplyDeleteएक रोशन आदमी क्यूं आजकल बेनूर है
sach hi kaha ek roshan aadmi kyun aajkal benur hai bhai wah
aabhaar abhinandan
charandeep ajmani 09993861181
bahut sunder rachna :)
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