Wednesday 13 July 2011

मेरा ईमान बस मोहब्बत है ---

इस जहाँ में अमन ही खुशियाँ हो
ये तमन्ना हैं मेरी हसरत है 
यहीं ईमान है नज़र में मेरी
मेरा ईमान बस मोहब्बत है 
आप चाहे इसे गुनाह कहे
इश्क मेरे लिए इबादत है
सच ही कायम रहे ज़माने में
झूठ इंसान की माना फितरत है
तुम बुराई का साथ मत देना
हाँ बुराई से लड़ना हिम्मत है 
इतना उड़ता ना फिर हवाओ में
इस ज़मी पर ही तेरी जन्नत है

सिया 

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