खबर तेरी लायी है महकी हवाए
ये शादाब मंज़र ये बहकी फिजाए
ना रह पाए दिल पे मेरा कुछ भी काबू
बना दे दीवाना ये काफिर अदाए
चले आओ कितना हसी है ये मौसम
ये रिम झिम सी बरसे है काली घटाए
तुम्ही मेरी हसरत हो जाने तमन्ना
खुदा के लिए अब ना मुझको सताए
मैं देखू की बदली में कैसा हैं चंदा
जरा रुख से अपने ये जुल्फे हटाये
हो उसके लबो पे 'सिया 'मेरी बाते
मैं कह दू ग़ज़ल और वो गुनगुनाये
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