स्वप्न नैनों में नए आकार लेकर
चल दी पी के घर नया संसार लेकर
माँ की ममता और पिता का प्यार लेकर
ये दुआएँ आपकी उपहार लेकर
कुछ नए रिश्तों का ये संसार लेकर
जीतना है दिल मधुर व्यवहार लेकर
माथे बिंदिया मांग में सिंदूर सोहे
इक सुहागन का अमर सिंगार लेकर
जा रही बाबुल तेरे आँगन की चिड़िया
नयनों से अश्रु की बहती धार लेकर
जब कभी साजन हुए नाराज़ मुझसे
मान जायेगे तनिक मनुहार लेकर
चल दी पी के घर नया संसार लेकर
माँ की ममता और पिता का प्यार लेकर
ये दुआएँ आपकी उपहार लेकर
कुछ नए रिश्तों का ये संसार लेकर
जीतना है दिल मधुर व्यवहार लेकर
माथे बिंदिया मांग में सिंदूर सोहे
इक सुहागन का अमर सिंगार लेकर
जा रही बाबुल तेरे आँगन की चिड़िया
नयनों से अश्रु की बहती धार लेकर
जब कभी साजन हुए नाराज़ मुझसे
मान जायेगे तनिक मनुहार लेकर
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