Saturday 12 December 2015

कोई मुझसे गुज़ारिश मत करो तुम

कोई मुझसे गुज़ारिश मत करो तुम 
मुझे पाने की ख़्वाहिश मत करो तुम 

तुम्हारे दिल में क्या है जानती हूँ 
मोहब्बत की नुमाईश मत करो तुम

नतीजे पर बहुत अफ़सोस होगा 
वफ़ा की  आज़माइश़ मत करो तुम 

बिछड़ना ही जब अंजाम अपना 
क़रीब आने की कोशिश मत करो तुम 

मैं इक मुद्दत से भूली मुस्कुराना 
नयी इक और साज़िश मत करो तुम 

बढूँगी क़ाबलियत से ही अपनी 
मेरी झूठी  सिफ़ारिश मत करो तुम 

मेरी खुद्दारियों पर आँच आये 
कोई ऐसी नवाज़िश़ मत करो तुम  

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