-आप भेजे गए तकमील ए इबादत करने
यानि अल्लाह के बन्दों से मोहब्बत करने
यानि अल्लाह के बन्दों से मोहब्बत करने
हक़ न मज़लूमों का मजबूरों का मारा जाए
आप आये थे यहाँ हक़ की हिफाज़त करने
आप आये थे यहाँ हक़ की हिफाज़त करने
दोस्तों पर ही नहीं चश्मे करम थी उनकी
दुश्मनो से भी वो आये थे रिफ़ाक़त करने
दुश्मनो से भी वो आये थे रिफ़ाक़त करने
आदमी कोई अधूरा ही न रह जाए कहीं
आये इंसान की वो पूरी ज़रूरत करने
आये इंसान की वो पूरी ज़रूरत करने
रब की बख़्शी हुई नेमत का करो शुक्र अदा
सारी दुनिया को यह नसीहत करने
सारी दुनिया को यह नसीहत करने
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